राज्य सरकार की हठधर्मिता के खिलाफ, दुग्ध उत्पादकों का सहकार महाकुंभ 24 अगस्त को अजमेर में
गहलोत, रंधावा, डोटासरा, जूली व पायलट भी करेंगे शिरकत
सरकार की उपेक्षा से किसानों पर पड़ रही है दोहरी मार--- रामचंद्र चौधरी 


अजमेर। (राजकुमार वर्मा/मनोज वर्मा) अजमेर डेयरी अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी का कहना है की राज्य सरकार द्वारा विगत लंबे समय से मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादन संबल योजना, मिड डे मील भुगतान सहित सहकारिता क्षेत्र की विभिन्न माँगों पर उदासीन रवैया अपनाने से किसानों एवं दुग्ध उत्पादकों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। इसी हठधर्मिता के विरोध में आगामी 24 अगस्त 2025 को अजमेर के कच्छावा गार्डन, पशु आहार केंद्र तबीजी में श्वेत क्रांति सहकार महाकुंभ का आयोजन किया जाएगा।

 


 

     इस महाकुंभ का नेतृत्व अजमेर सरस् डेयरी अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी करेंगे। दोपहर 12:15 बजे से प्रारंभ होने वाले इस विशाल आयोजन में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट, प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सुखविंदर सिंह रंधावा, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा शिरकत करेंगे। साथ ही राष्ट्रीय महिला कांग्रेस अध्यक्ष अलका लाम्बा, प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष सारिका सिंह, प्रदेशभर के जिला दुग्ध संघों के अध्यक्ष, सचिव, कर्मचारी, किसान, पशुपालक एवं दुग्ध उत्पादक भाग लेंगे। अनुमान है कि प्रदेशभर से लगभग 25,000 किसान व पशुपालक उपस्थित रहेंगे।

 



मुख्य माँगें
    •    सात माह से बकाया मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादन संबल योजना की ₹320 करोड़ राशि का तत्काल भुगतान।
    •    मिड डे मील योजना की बकाया राशि भी एकमुश्त जारी करना।
    •    अतिवृष्टि से प्रभावित किसानों को फसल बीमा राशि व चारा अनुदान शीघ्र उपलब्ध कराना।
    •    डेयरी क्षेत्र को कृषि क्षेत्र में शामिल करने की घोषणा।
    •    डेयरी क्षेत्र में ढाई हजार पदों पर भर्ती की प्रक्रिया शीघ्र शुरू करना।
    •    इंडियन डेयरी सर्विस (IDS) कैडर की स्थापना।
    •    किसानों को सेक्स सॉर्टेड सीमन निशुल्क उपलब्ध कराना और लावारिस सांडों का बंध्याकरण सुनिश्चित करना।

 




डेयरी क्षेत्र की चिंता

    चौधरी ने बताया कि राजस्थान, जो वर्ष 2022-23 में देश का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक राज्य था, वर्तमान सरकार की लापरवाही के कारण अब दूसरे स्थान पर आ गया है। यदि समय रहते भुगतान और राहत नहीं मिली, तो प्रदेश तीसरे स्थान पर खिसक सकता है। अजमेर सरस डेयरी में ही दूध की आवक में लगभग एक लाख लीटर की कमी दर्ज की गई है।

 

 
अपील

      चौधरी ने प्रदेशभर के जनप्रतिनिधियों, जिला दुग्ध संघों, सहकारी समितियों, महिला पशुपालकों व युवाओं से आग्रह किया है कि वे अधिक से अधिक संख्या में इस महाकुंभ में भाग लें और सरकार को किसानों की आवाज सुनाने में सहयोग करें।


 


 

प्रदेश के दुग्ध उत्पादकों की मुख्य माँगें
    1.    मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादन संबल योजना की बकाया राशि (₹320 करोड़) का तत्काल भुगतान
    •    सात माह से लंबित राशि जारी की जाए।
    2.    मिड-डे मील योजना की बकाया राशि (₹320 करोड़) का एकमुश्त भुगतान
    3.    अतिवृष्टि से प्रभावित किसानों और पशुपालकों को राहत
    •    फसल बीमा राशि तत्काल जारी की जाए।
    •    पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकारों की तर्ज पर चारा अनुदान तुरंत दिया जाए।
    4.    राजस्थान के दुग्ध उत्पादन में गिरावट रोकने के उपाय
    •    समय पर भुगतान और अनुदान देकर दुग्ध उत्पादन को फिर से शीर्ष स्थान पर लाना।
    5.    डेयरी क्षेत्र को कृषि क्षेत्र में शामिल करना
    •    महाराष्ट्र सरकार की तरह राजस्थान में भी डेयरी को कृषि क्षेत्र का दर्जा दिया जाए।
    6.    लगभग ढाई हजार पदों पर लंबित भर्ती प्रक्रिया शुरू करना
    •    भर्ती संबंधी खर्च जिला संघ वहन करने को तैयार हैं, फिर भी सरकार कार्रवाई नहीं कर रही।
    7.    इंडियन डेयरी सर्विस (IDS) कैडर की स्थापना
    •    IAS के समानांतर एक अलग कैडर तैयार कर युवाओं को अवसर देना।
    8.    लावारिस सांडों की समस्या का समाधान
    •    किसानों को सेक्स-सॉर्टेड सीमन निशुल्क उपलब्ध कराया जाए।
    •    लावारिस सांडों का बंध्याकरण किया जाए, ताकि दुर्घटनाओं और अनुपयोगी नस्ल की समस्या कम हो।
    9.    पशुपालकों को विशेष पैकेज और आर्थिक सहायता
    •    चारा एवं पशु आहार की बढ़ती लागत को देखते हुए सहायता पैकेज उपलब्ध कराया जाए।
    10.    सरकार द्वारा किसानों की उपेक्षा बंद करना
    •    राज्य व केंद्र दोनों स्तर पर दुग्ध उत्पादकों के हित में ठोस घोषणाएँ व योजनाएँ लागू की जाएँ। 

इस अवसर पर अजमेर डेयरी अध्यक्ष  रामचंद्र चौधरी ने बताया --

 




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