ब्रह्माकुमारीज़ बनाएगी रक्तदान में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड

देशभर में होगा महाअभियान

 पोस्टर का  विमोचन किया 


     अजमेर। (राजकुमार वर्मा/मनोज वर्मा) आध्यात्मिक और सामाजिक सेवा के क्षेत्र में अग्रणी संस्था ब्रह्माकुमारीज़ अब एक नया इतिहास रचने जा रही है। संस्थान की पूर्व मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी प्रकाशमणि की 18वीं पुण्यतिथि और विश्व बंधुत्व दिवस (25 अगस्त) के उपलक्ष्य में, ब्रह्माकुमारीज़ ने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने का संकल्प लिया है। इसके तहत  एक लाख यूनिट रक्तदान का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।


      विश्वविद्यालय की शास्त्री नगर शाखा में  बी.के. आशा और बी.के. रूपा ने जानकारी दी कि यह महाअभियान संस्था की पूर्व मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी प्रकाशमणी की 18वीं पुण्यतिथि (25 अगस्त 2025 – विश्व बंधुत्व दिवस) के उपलक्ष्य में आयोजित किया जा रहा है। अभियान का लक्ष्य एक लाख यूनिट रक्तदान है।

 


चार दिन चलेगा रक्तदान महाअभियान

    इस ऐतिहासिक अभियान के तहत 22 से 25 अगस्त 2025 तक 
ब्रह्माकुमारीज के देशभर के 6000 से अधिक सेवा केंद्रों पर एक साथ विशाल रक्तदान शिविरों का आयोजन किया जाएगा। यह पहला मौका होगा जब कोई आध्यात्मिक संस्था इस पैमाने पर मानवता की सेवा के लिए रक्तदान अभियान चला रही है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य समाज में रक्त की आपूर्ति सुनिश्चित करना, स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाना और विश्व बंधुत्व का संदेश देना है।

 

 
अजमेर में भी होगा आयोजन

        अजमेर जिले में भी इस महाअभियान के अंतर्गत 23 अगस्त को  जवाहरलाल नेहरू अस्पताल में रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाएगा। जिले के सभी ब्रह्माकुमारी सेवा केंद्रों की बहनें इस आयोजन में सक्रिय भागीदारी निभाएंगी।  इस  अवसर पर पोस्टर का भी विमोचन किया गया, रक्तदान के लिए  इच्छुक व्यक्ति निकटतम ब्रह्माकुमारी सेवा केंद्र पर जाकर पंजीकरण करवा सकते हैं।


इस अवसर पर केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी, अजमेर दक्षिण की विधायक अनीता भदेल  सहित अनेक गणमान्यजन उपस्थित रहेंगे। 

विश्वविद्यालय की बी.के. योगिनी ने आभार व्यक्त किया और बताया कि तैयारियाँ पूर्ण हो चुकी हैं तथा अभियान के सफल आयोजन की दिशा में कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है। 


इस महाअभियान की जानकारी देते हुए ब्रह्माकुमारीज़ के मिडिया  प्रभारी  बी.के. रमेश ने बताया कि, "हमारा उद्देश्य केवल वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाना नहीं, बल्कि समाज को यह संदेश देना है कि सेवा, त्याग और सहयोग ही सच्चा धर्म है। हम चाहते हैं कि युवा वर्ग अधिक से अधिक संख्या में आगे आये और इस अभियान का हिस्सा बने। 

इस अवसर पर विश्वविद्यालय की  बी.के. रूपा ने बताया --


 


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