आर जी एच एस योजना से असंतुष्ट एकीकृत महासंघ ने राजस्थान के मुख्यमंत्री और चिकित्सा मंत्री के नाम कलेक्टर को दिया ज्ञापन

 आर जी एच एस योजना के नियमों में परिवर्तन करने की रखी मांग

 सरकार योजना में सुधार नहीं करती है तो योजना को करे बंद ---- कांति  कुमार शर्मा

अजमेर (राजकुमार वर्मा/मनोज वर्मा) आर जी एच एस योजना से असंतुष्ट एकीकृत महासंघ ने राजस्थान के मुख्यमंत्री और चिकित्सा मंत्री के नाम कलेक्टर को दिया ज्ञापन देकर बताया की आर जी एच एस योजना जो राज्य के 60 लाख कर्मचारियों के लिए चल रही  है जिसमे अधिकारी भी शामिल है इस योजना में अनेक खामियां है 


एकीकृत महासंघ के जिलाध्यक्ष कांति  कुमार शर्मा  ने बताया की इस योजना में इलाज की जो अवधि है वह  5 दिन की है 5 दिन बाद मरीज को डिस्चार्ज कर दिया जाता है  उन्होंने कहा की गंभीर बीमारी वाले  मरीज को अगर कंटीन्यू इलाज नहीं लेगा तो कोई औचित्य नहीं है 

उन्होंने कहा की आर जी एच एस योजना की जो राशि है 5 लाख उसे बढाकर 10 लाख किया जाये आर जी एच एस में अक्सर सर्वर डाउन रहता है और इलाज नहीं होता है बेचारा मरीज अस्पताल में 4 -5 घंटे भी रहता है इन्तजार के चलते वह  अपना इलाज भी नहीं करा पाता है 


उन्होंने कहा की अस्पतालों में कैशलेश सुविधा से इंकार किया जाता है और अनुमोदन की प्रक्रिया जटिल और लम्बी होती है जिससे आपात स्थिति   में इलाज भी प्रभावित होता है 

उन्होंने बताया की पेंशनर और कर्मचारियों के 6 महीने से बिल भी पास नहीं हुए है ऑनलइन पोर्टल पर बिल ट्रेकिंग की पारदर्शिता की कमी है 

पोर्टल कई बार काम नहीं करता है जिसके कारन इलाज रेफरेंस जनरेट करने में भी कठिनाई होती है 


 

उन्होंने कहा की आपात स्थिति में प्राथमिक रूप से इलाज , बाद में अनुमोदन की व्यवस्था लागु हो।  सभी अस्पताल को वास्तविक कैशलेश सेवा प्रदान करने हेतु कड़ाई से निर्देशित किया जाये।  हर जिले में कम से कम 3 मल्टी स्पेशलिस्ट अस्पतालों को पैनल  में जोड़ा जाये। 

इसके आलावा जो गंभीर बीमारी वाले जो मरीज है डायलेसिस वाले है चाहे आई सी यू वाले है उन्हें फोटो के लिए काउंटर पर बुलाया जाता है  कांति कुमार शर्मा ने कहा की गंभीर बीमारी वाला मरीज फोटो शूट  कराने कैसे आएगा। अतः फोटो खिचवाने की प्रक्रिया को बंद किया जाये। 



एकीकृत महासंघ के जिलाध्यक्ष कांति  कुमार शर्मा  ने कहा की प्राइवेट अस्पताल वाले  मरीज को 5 दिन भर्ती रखकर डिस्चार्ज करते है और पैसा लेकर रसीद भी नहीं देते है और 15- 20 हजार मरीज से वसूल करते है उन्होंने कहा की सरकार अगर यह योजना चालू रखना चाहती है तो इसमें सुधार करें नहीं तो इस योजना को बंद कर दे  उन्होंने कहा की जो दवाइया गंभीर बीमारी वालों को मिलनी चाहिए वह  भी नहीं मिल रही  है और नकद भुगतान करके बहार से लाना पड़   रहा है तो इस योजना का कोई औचित्य नहीं है 

 दवाइयों और जांचों की सिमा समय समय पर बढ़ाई  जाये नई  बिमारियों और आधुनिक जांचों को सूची में जोड़ा जाये

कांति कुमार शर्मा ने सरकार से यह भी आग्रह किया है की इस योजना में इलाज की अवधि 5 से बढाकर 15 दिन बढ़ाई  जाये साथ ही सभी सरकारी कार्यालयों में आर जी एच एस के नियमों पर कार्यशालाएं आयोजित की जाये पेंशनर के लिए हेल्प डेस्क और जानकारी केंद्र स्थापित किये जाये 


 

इस अवसर पर एकीकृत महासंघ के जिलाध्यक्ष कांति  कुमार शर्मा  ने कहा

 


 


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